Skip to main content

Posts

Showing posts from 2014

संपूर्ण कुण्डली ज्ञान

जन्म  कुण्डली के 1 से लेकर 12 खाने मनुष्य के संपूर्ण जीवन को दर्शातें है, अर्थात मनुष्या के जन्म लेने से लेकर उसके मृत्यु तक का बिश्लेषण भाव 1 से लेकर भाव 12 तक में समाहित है.  भाव 1 से लेकर भाव 12 के अन्दर ही एक जातक का जन्म उसके रंग रूप, आकर प्रकार, जाती धर्म, नौकरी रोजगार, रहन सहन, कद काठी, अमीरी गरीबी, धर्म कर्म, माँ बाप, भाई बहन, पुत्र पुत्री, पति पत्नी, उपपति उपपत्नी, ज्ञान जिज्ञासा, से लेकर उस जातक के कुटुम्ब, नाते रिस्तेदार, कमाई शिक्षा लाभ घर माकन भवन बाहन जमीन जायदाद रोग ऋण सत्रु आयु मृत्यु और मोक्ष तक को ये 1 से लेकर 12 भाव दर्शाते या बताते हैं. तो आइये अब हम कुण्डली के इन्ही 1 से लेकर 12 घरों (भावों) का बिबेचन करते हैं. भाव १ : लग्न ( स्वयं जातक के बारे में ) मानव जीवन की सर्ब प्रथम घटना धरती पर मनुष्य का जन्म के पहली सांस लेना से होता है और यही से लग्न का उदगम होता है। उसके शरीर की बनावट,  रंग - रूप, कद - काठी, जाती - धर्म, धन - सम्पदा अर्जन की क्षमता,  जातक का बिस्तार, स्वभाव, उसकी इच्छा, उसके बिचार, उसका जीवन और उसकी मृत्यु आदि सभी  भाव १  (लग्न) से देख